चबाने वाले तम्बाकू से मुह और गले का कैंसर हो सकता है क्युकी ये बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है लेकिन क्या इस से फेफड़ो का कैंसर भी हो सकता है, जानते है इसके बारे में डॉक्टर्स क्या कह्ते है ?
सबसे पहले जानते है की फेफड़ो का कैंसर होता केसे है –
यह कैंसर आम कैंसर की तुलना में ज्यदा खतरनाक हो सकता है क्योकि इसमें फेफड़ो की अन्दर की जो कोशिका होती है वो असामान्य रूप से बढ़ने लगती है यह कैंसर फेफड़ो के उतकों में पैदा होता है यह आप सभी जानते है की फेफड़े शारीर का एक मुख्य अंग होते है क्योकि ऑक्सीजन पहुचाने का काम फेफड़ो का ही होता है और अगर ऑक्सीजन ही नहीं मिल पायगी तो जान भी जा सकती है फेफड़ो के कैंसर का जो मुख्य कारण है वो होता है वायु प्रदुषण और धुम्रपान !
अब जानते है की क्या चबाने वाले तम्बाकू से फेफड़ो का कैंसर होता है या नहीं ?
अपोलो कैंसर सेंटर नै दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर मनीष सिंघल का कहना है की “चबाने वाला तम्बाकू हमारे फेफड़ो में नहीं पहुचता जिसकी वजह से ये फेफड़ो के कैंसर का कारण नहीं बनता है हालाँकि चबाने वाले तम्बाकू से फेफड़ो का कैंसर तो नहीं होगा लेकिन अन्य प्रकार का कैंसर जरुर बन सकते है फेफड़ो के कैंसर का मुख्य कारण धुम्रपान और वायु प्रदुषण ही होता है “

चबाने वाले तम्बाकू से और कोन सा कैंसर बन सकता है जानते है –
चबाने वाले तम्बाकू से कई अन्य प्रकार के कैंसर बन सकते है क्योकि इसमें निकोटिन ,टार जेसे अन्य हानिकारक केमिकल्स होते है जिनकी वजह से मुह, आंत, गले और पेट के जेसे खतरनाक कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते है चबाने वाले तम्बाकू से फेफड़ो का कैंसर तो नहीं होगा लेकिन सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित जरुर होता है जो लोग काफी लम्बे समय से चबाने वाला तम्बाकू खा रहे है उनको ध्यान देना जरुर पड़ेगा वरना वो काफी बड़ी समस्या में पड़ सकते है
निष्कर्ष –जो लोग चबाने वाला तम्बाकू खाते है उनको फेफड़ो का कैंसर तो नहीं होता है लेकिन अन्य प्रकार के कैंसर होने की सम्भावना जरुर होती है इसलिए जितना हो सकता है इन चीजो से दूर रहने की कोसिस करे क्योकि आजकल वायु प्रदुषण ही बहुत ज्यादा है तो ऐसे मे धुम्रपान करके क्यों अपनी सेहत को समस्या में डालना है !